02 अगस्त 2021
महान उपन्यासकार प्रेमचंद की जयंती पर साहित्यिक समारोह, कहानी वाचन व चर्चा का आयोजन
उपन्यास सम्राट प्रेमचंद जी की जयंती के उपलक्ष्य में महाहिंदी साहित्य परिषद व शिवानी साहित्य मंच के संयुक्त तत्वावधानमें एक साहित्यिक समारोह के अंतर्गत कहानी वाचन व चर्चा का आयोजन किया गया। समारोह के अध्यक्ष थे डॉक्टर शीतला प्रसाद दुबे (हिंदी विभागाध्यक्ष के. सी. कॉलेज) पूर्व कार्याध्यक्ष (महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी) उन्होंने लेखक की विभिन्न कहानियों की चर्चा करते हुए ईदगाह कहानी के उस बहादुर बच्चे हामिद की निडरता बुद्धिमत्ता और भावुकता का मार्मिक वर्णन किया जो चिमटा ख़रीदने के लिए सारी लालसाओं से मुख मोड़ लेता है।
कहानी वाचन के तहत सुप्रसिद्ध कहानीकार डॉक्टर सूर्यबाला जी ने प्रेमचंद जी की रचना धर्मिता के विभिन्न आयामों का वर्णन करते हुए अपनी कहानी का पठन किया। कहानी में मनुष्य के प्रेम की उत्कृष्टता को व्यक्त करते हुए बताया कि इसे किसी दीवार में क़ैद नहीं किया जा सकता। मुख्य वक्ता के रूप में श्री अमरजीत मिश्र (पूर्व राज्य मंत्री व महाराष्ट्र शासन, अध्यक्ष-अभियान फ़ाउंडेशन) ने प्रेमचंद जी की कहानियों में बसा ग्रामीण परिवेश व उस समय की कथा-व्यथा का शाब्दिक चित्रण किया।
मुख्य अतिथि डॉक्टर जोगिन्दर सिंह बिसेन (प्रकुलगुरु, नांदेड़ विश्वविद्यालय)ने प्रेमचंद जी के लेख के सामाजिक सरोकार व गांधी जी के अहिंसात्मक आंदोलन के ताने बाने को शब्दों में पिरोया। वक्ता विशेष-डॉक्टर भारती गोरे (हिंदी विभागाध्यक्ष औरंगाबाद विश्वविद्यालय)ने प्रेमचंद जी की कहानी को प्रेरणा के रूप में स्वीकारते हुए एक सुंदर कहानी का वाचन किया।
वक्ता श्रीमती मंजू लोढ़ा (सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवयित्री) ने प्रेमचंद जी पर लिखी अपनी कविता सुनाई। श्रीमती सुमन सारस्वत (लेखिका) ने अपनी एक मनोरम कहानी पढ़ी। श्रीमती सरस्वती बजाज (लेखिका,समाज सेविका) ने अपने विचार रखे श्रीमती पूजा दीक्षित (कवयित्री व अभिनेत्री) ने लमही यात्रा का वर्णन किया। श्रीमती लता तेजेश्वर ने गोदान उपन्यास का संक्षिप्त वर्णन किया। श्री विजय प्रकाश जी ने लेखक की कहानी का नाट्य वाचन किया। संयोजिका - श्रीमती प्रमिला शर्मा ने संचालन व आभार व्यक्त किया।
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