अरनाला बिच होटल मार्टिन मुम्बई में सतना जिले के निमहा गांव में जन्मे और मायानगरी मुम्बई को अपना मुकाम बनाने वाले विष्णु मिश्र एवम उनकी टीम द्वारा अथक परिश्रम करके आयोजित विंध्य गौरव अवार्ड में धर्म संस्कृति के प्रति जीवनकाल तक समर्पित रहे वैकुंठवासी धर्म संस्कृति ध्वजवाहक ब्याकरणाचार्य स्वामी पूर्णानंद जी महाराज,समाज सेवा में दीन-दुखियों के दर्द को अपना दर्द समझने वाले लोक कीर्ति नायक रुद्रदत्त त्रिपाठी,सनातनी खेल कबड्डी को विंध्य में नई ऊंचाई प्रदान करने वाले जनमानस में प्रतिष्ठित समाजसेवी गुलाब शुक्ला,छत्तीसगढ़ के सुदूर दुर्गम क्षेत्रों में नक्सली हमलों में लावारिस हुए हजारों आदिवासी बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उनके जीवन मे उजाला भरने वाले शिक्षाविद डॉ ब्रजभूषण द्विवेदी,बेटियों के सम्मान को अभियान बनाकर मानव समाज को रामपाथ का अनुगामी बनाने वाले राजगुरु मनोज अग्निहोत्री,वैश्विक महामारी में अपने जीवन की परवाह न करते हुए समाज के क्रांतिदूत बनकर जीवन रक्षा कवच बनकर खड़े रहे शिवा चतुर्वेदी,कला को समर्पित जितेंद्र दीक्षित,जाने-माने कमेंटेटर राकेश प्रताप सिंह पप्पू का सम्मान विंध्य बसुंधरा के उन सपूतों का सम्मान है जो विंध्य के असली क्रांति दूत हैं।यही वो विंध्य पर्वत श्रृंखला है जो विंध्य सपूतों की मणिमाला की एक-एक मणि हैं।यथार्त में वे दैवी सम्पदा मंडल के ऐसे चुने रत्न हैं जिनका मूल्यांकन करना हम सबका धर्म है।आगामी समय मे भी दैवी सम्पदा मंडल के वो गौरव जिनसे विंध्य समाज प्रेरणा प्राप्त करता रहा है जो हम सबके लिए प्रेरणाप्रद हैं उन्हें विन्ध्य गौरव से सम्मानित करने की एक क्रमबद्ध श्रंखला तैयार करना विष्णु मिश्रा का दिवा स्वप्न भी।
*रत्नों का भंडार विंध्य बसुंधरा*
विन्ध्य गौरव अवार्ड में महती भूमिका निभाने वाले मुम्बई गौरव कैप्टन एडी मलिक,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की राष्ट्रीय एम्बेसडर पदम श्री श्रीमती सोमा घोष,फिल्म टुडे मैगजीन के चेयरमैन श्याम सिंघानियां एवम फिल्मी दुनिया के जाने-पहचाने कलाकारों ने समवेत स्वर में कहा कि जिन्होंने समाज को दिशा देने का बीड़ा उठाया है उन्हें टूटता विंध्य परिवार,विखरते रिश्ते और बढ़ रही अशांति की पीड़ा निश्चित ही कस्ट दे रही होगी।आप सभी का जन्म विंध्य बसुंधरा में हुआ है।जिसकी महिमा देवता भी गाते हुए नही थकते।जहां युवराज राम भी वनवास काल में आकर रावणी अत्याचार के खिलाप कोल,भील,आदिवासियों को साथ लेकर जनअभियान का शंखनाद किया और मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये।अतः विन्ध्य गौरव को गौरान्वित करने वाले उन सभी सपूतों का श्रृंखलाबध सम्मान समय की महती मांग है।
उत्तिष्ठित जाग्रत विंध्य जनमानस
कुशलता से अपने विचारों को शून्य से ऊपर पहुंचाने वाले राष्ट्रीय मंचों के संचालक अविनाश त्रिपाठी ने कहा कि विंध्य मर्यादा का पालन करते हुए समाज सेवा में तत्पर,भौतिक दिखावे,बनावट से दूर आप सभी का सहज,सरल जीवन सभी को अपना बनाने में सक्षम है।विंध्य सेवा में आपकी लगन साधुता का परिचय है।सुसंस्कारों से युक्त विंध्य परिवार आप सभी की देन है।आयोजक विष्णु मिश्रा जो विंध्य गौरव के रूप में समाज सेवा का सुंदर अवसर प्रदान करा रहे हैं उसकी सार्थकता इसी में है की हम अपनी सनातन संस्कृति के लिए जियें।लोक कीर्ति,लोक प्रतिष्ठा से दूर यथा सम्भव समाज सेवा में ततपर आपका जीवन इसी प्रकार है जैसा कबीर साहब ने कहा कि-
कबिरा खड़ा बाजार में सबकी मांगे खैर
ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर।।
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