सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवियित्री श्रीमती मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा को आध्यात्मिक गुरू राकेश भाई झवेरी बापाजी ने दिया आशीर्वाद
आध्यात्मिक गुरू राकेश भाई झवेरी जी ने अपने गुरू श्रीमद् राजचंद्र सूरी जी की पुस्तक आत्मसिद्धि शास्त्र को पुनर्लिखित किया है। विश्व भर में लोकप्रिय हो रही इस पुस्तक आत्मसिद्धि शास्त्र को राकेश भाई झवेरी बापाजी ने धर्मपुर में सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवियित्री श्रीमती मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा को आशीर्वाद स्वरूप भेंट दी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरू श्रीमद् राजचंद्र जी सूरी जी की पुस्तक आत्मसिद्धि शास्त्र के 142 श्लोकों को आज के युवाओं तक पहुंचाने के लिए गुरू राकेश भाई झवेरी ने इनको पुनर्लिखित किया है। साथ ही इसे सरल भाषा में विवेचना करते हुए विस्तृत टिप्पणी भी लिखी है। इसका विमोचन 190 देश में वहां के शासनाध्यक्षों ने किया। सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवियित्री श्रीमती मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि आध्यात्मिक गुरू राकेश भाई झवेरी जी ने बहुत ही कम समय में आध्यात्मिक गुढ़ रहस्यों को सिद्ध किया है। यह सौभाग्य की बात हैं कि आज उनके हाथों से पुनर्लिखित व हस्ताक्षरित पुस्तक आत्मसिद्धि शास्त्र आशीर्वाद के रूप में मिली है।
सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवियित्री श्रीमती मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा ने आगे कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने अपनी जीवनी में लिखा है कि आध्यात्मिक गुरू श्रीमद् राजचंद्र जी सूरी जी के विचार तथा दर्शन का उनके जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरू श्रीमद् राजचंद्र जी सूरी जी ने अपने आध्यात्मिक जीवन के दिव्य ज्ञान को आज से लगभग 125 वर्ष पूर्व आत्मसिद्धि शास्त्र के 142 श्लोकों में लिखा था। आज उन दिव्य ज्ञान को विस्तृत टिप्पणी के साथ पुनर्लिखित कर आध्यात्मिक गुरू राकेश भाई झवेरी जी ने युवा पीढ़ी के लिए सरल बना दिया है। विश्व के 190 से अधिक देशों के शासनाध्यक्ष, महान आध्यात्मिक गुरू तथा अपने देश के लगभग सभी राज्यपाल एवं मुख्यमंत्रियों ने इस पुस्तक का विमोचन किया है। इस पुस्तक का अध्ययन तथा आध्यात्मिक गुरू राकेश भाई झवेरी जी की प्रशंसा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, बौद्ध धर्मगुरू श्री दलाई लामा जी, आध्यात्म गुरू श्री श्री रवि शंकर जी सहित अनेक महान हस्तियों ने की है। विश्व के सभी प्रमुख पुस्तक बिक्री केन्द्र तथा ऑनलाइन पर यह उपलब्ध है, जहां के लोग आसानी से इस पुस्तक को प्राप्त कर सकते है। यह पुस्तक विश्व के सर्वाधिक बिक्री वाली पुस्तकों की सूची में शामिल है। हमारे परिवार पर आध्यात्मिक गुरू राकेश भाई झवेरी जी की विशेष कृपा है। उनका आशीर्वाद हमें इसी प्रकार सदैव मिलता रहे, यही हमारी विनती है।
Posted by journalist Deepak Buswala
Source: Press release
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