रास्ते कभी नहीं बताते कितना जुनून था तुममे,
मंजिल पर पहुचने वाले को ही जानते हैं लोग।
आज ऐसे ही एक सख्शियत की बात कर रहे है। संजय शुक्ला कास्टिंग डायरेक्टर यूपी के प्रयागराज के छोटे से गांव में जन्मे संजय को बचपन से ही अभिनय में रुचि थी। लेकिन जिस परिवेश में उनका जन्म हुआ वहां से मुम्बई तक का सफर तय करना मिल के पत्थर से कम नहीं था।
लेकिन संजय को कुछ बड़ा करना था और इसी बड़ा करने की चाहत से संजय कास्टिंग की जगत की ओर रुख किए।संजय जब खुद ऑडिशन में जाते थे तो वहां कलाकारों की परिस्थिति से भली भांति परिचित हो चुके थे। कास्टिंग में आने के बाद संजय शुक्ला ने कलाकारों को उनके उचित मुकाम। तक पहुंचने की ठान ली।
संजय ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए ये फैसला लिया था कि मुम्बई से बाहर कई ऐसे अच्छे कलाकार हैं जो बहुत अच्छी एक्टिंग करते हैं लेकिन उनको सही प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाता। कई अच्छे कलाकार मुम्बई तक का सफर तय नहीं कर पाते जिस वजह से एक कलाकार को उसकी उचित स्थान प्राप्त नहीं हो पाती इसलिए में मुंबई से बाहर जा के ऑडिशन करूंगा। जिस से हमारे देश के छुपी हुई प्रतिभाओं को तलाश सकूं और उसे उसके मुकाम तक पहुंचा सकूं।
संजय ने बताया वो अच्छे-अच्छे सीरीयल की कास्टिंग कर चुके है जैसे।
खिड़की, बड़ी दूर से आये है हम, मेरी दुर्गा, सी आई डी, सावधान इंडिया, क्राइम पेट्रोल, कुंडली भाग्य, प्यार तूने क्या किया, क्राइम अलर्ट, अलादीन, परमवतार श्री कृष्णा, विक्रम बेताल, इश्क़ में मरजावा,
अब संजय फिल्मों की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं। उनकी आने वाली कई बड़ी फ़िल्में है जिस की पूरी कास्टिंग वो अलग अलग शहरों में जाके करेंगे।
संजय का कहना है वो हर उन कलाकार को मौक़ा देना चाहते है जो सच में उसके क़ाबिल है पर वो किसी वजह से मुंबई तक नही पहुँच पाते।
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