आचार्य बालकृष्ण के अनुसार दवा में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल हैं. यह दवा अपने प्रयोग, इलाज और प्रभाव के आधार पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रमुख संस्थानों, जर्नल आदि से प्रामाणिक है.
योग गुरु बाबा रामदेव के संस्थान पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल लॉन्च कर दी है. क्लीनिकल ट्रायल के बाद पतंजलि ने यह दवा तैयार की है. कोरोनिल किट 545 रुपए में उपलब्ध होगी. इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा, 'पूरा देश और दुनिया जिस क्षण की प्रतीक्षा कर रहा था आज वो आ गया है. कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा तैयार हो गई है. इस दवा से हम कोरोना की हर तरह की जटिलता को नियंत्रित कर पाए. इस दवा से तीन दिन के अंदर 69 फीसदी मरीज रिकवर हो गए यानी पॉजिटिव से निगेटिव हो गए.' बाबा रामदेव ने कहा, 'इस दवा के जरिए 7 दिन में 100 फीसदी मरीज ठीक हुए हैं. इस दवा का ट्रायल 280 लोगों पर किया गया है.'
क्या-क्या है दवा में शामिल?
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार दवा में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल हैं. यह दवा अपने प्रयोग, इलाज और प्रभाव के आधार पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रमुख संस्थानों, जर्नल आदि से प्रामाणिक है. अमेरिका के बायोमेडिसिन फार्माकोथेरेपी इंटरनेशनल जर्नल में इस शोध का प्रकाशन भी हो चुका है. पतंजलि का दावा है कि यह शोध संयुक्त रूप से पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (PRI), हरिद्वार एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर द्वारा किया गया है. दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी, हरिद्वार और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार द्वारा किया जा रहा है.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोनिल किट 545 रुपए में उपलब्ध होगी. यह किट 30 दिन के लिए है. ऐप के जरिए कोरोनिल किट की डिलिवरी ऑडर मिलने के 2 घंटे में होगी.
बाबा रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद से बनी यह दवा अगले सात दिनों में पतंजलि के स्टोर पर मिलेगी, इसके अलावा सोमवार को एक ऐप लॉन्च किया जाएगा जिसकी मदद से ये दवाई घर पर पहुंचाई जाएगी.
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक दिव्य कोरोनिल टैबलेट में शामिल अश्वगंधा कोविड-19 के आरबीडी को मानव शरीर के एसीई से मिलने नहीं देता. इससे संक्रमित मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता. वहीं गिलोय भी संक्रमण होने से रोकता है. तुलसी का कंपाउंड कोविड-19 के आरएनए-पॉलीमरीज पर अटैक कर उसके गुणांक में वृद्धि करने की दर को न सिर्फ रोक देता है, बल्कि इसका लगातार सेवन उसे खत्म भी कर देता है. वहीं श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है और बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों की सूजन कम कर देता है.
Source : Press release
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